शुक्रवार, 29 मार्च 2013

प्रेम दीवाना

एक लड़की मिली ,जिंदगी की राह में 
मर मिटे हम , जिसकी चाह मे
मालूम न था , परिणाम क्या होगा 
सोचा न था , अंजाम क्या होगा 

जिनके साथ चलना था ,जिंदगी के सफ़र में
छोड़ गए वो हमे,  बीच डगर में 
चाहत है क्या , यह हमने जाना 
उनके असली रूप को ,देर से पहचाना 

लेकिन उन्होंने तो हमें, पराया ही माना
उनकी याद में मैं बना , प्रेम दीवाना
उनकी याद में मैं बना , प्रेम दीवाना


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